बपतिस्मा क्या है?क्या बपतिस्मा लेना जरूरी है?
हम आत्माओं को मसीह के निकट लाकर उचित कार्य करते हैं परंतु हमें उद्धार की निश्चयता की भी शिक्षा विशेष रूप से देनी चाहिए जैसा कि प्रेरितों के काम8:39 में लिखा है।
बपतिस्मा नए नियम का सिद्धांत है :- परंतु ,'बपतिस्मा 'शब्द (1कुुरींथियों 10:2) में पाया जाता है और इसको इसराइली के विषय में कहा गया है,जब कि वे बादल कि छाया तले लाल सागर पार कर रहे थे।
यूहन्ना का संदेश यह था (मरकुस 1:4) "में यूहन्ना जंगल में बपतिस्मा देता और पापों की क्षमा के लिए मन फिराव के बपतिस्मा का प्रचार किया करता था। यूहन्ना का बपतिस्मा उसकी अपनी नवीन प्रक्रिया नहीं थी, परंतु यह परमेश्वर की तरफ से स्वर्ग की ओर से था।(मरकुस11:30)
भीड़ की भीड़ यूहन्ना से बपतिस्मा लेने आती थी जैसा की (लूका3:7) में लिखा है,शास्त्री और फरीसी ने यूहन्ना के बपतिस्मा को अस्वीकार कर दिया और उसके फल स्वरुप आत्मिक कष्ट सहन करना पड़ा।
(लुका 7:30) में लिखा है फरीसियों और व्यवस्थापकों ने यूहन्ना से बपतिस्मा ना लेकर परमेश्वर की मनसा को अपने विषय में टाल दिया।
यूहन्ना केवल उन्हीं लोगों को बपतिस्मा दिया करता था जो मन फिराव के योग्य फल लाए जैसे कि (लूका3:8 )
बपतिस्मा लेने के लिए आवश्यक फल कौन-कौन से हैं :-(लूका3:8 के अनुसार-
1परोपकारता
2दयालुता
3प्रेम
4उदारता
5इमानदारी
6 सत्यनिष्ठा
7दीनता
8 शांत स्वभाव
9 संयम
10 संतोष
यहीं फल होने चाहिए हमें बपतिस्मा लेने के लिए हमारे अंदर जैसा कि (गलातियों;5:22-23 के अनुसार।
-: बपतिस्मा का अर्थ :-
✓बपतिस्मा का अर्थ पुनर्जीवन या पापों की क्षमा नहीं है-
बपतिस्मा एक घटना की वास्तविकता को व्यक्त करता है जो कि पहले ही घट चुकी होती है बपतिस्मा आंतरिक वास्तविकता का बाहरी चिन्ह है इसको हृदय परिवर्तन का भी प्रतीक माना जाता है।
✓इसका अर्थ मसीह की आज्ञा के प्रति आज्ञाकारिता है-
(मरकुस 16:16, जो विश्वास करें और बपतिस्मा ले उसी का उद्धार होगा।"यहां पर ध्यान दीजिए कि विश्वास बपतिस्मा से पहले आता है।
✓इसका अर्थ मसीह के आदर्श का अनुसरण करना है-
(1पतरस 2:21) में लिखा है, क्योंकि तुम्हारे लिए दुख उठाकर तुम्हें एक आदर्श दे गया है कि तुम भी उसकी आज्ञाओ पर चलो (यूहन्ना 13:15 ) भी देखिए।
✓इसका अर्थ सारी धार्मिकता को पूरा करना है-
जैसा कि (मत्ती 3:15)में लिखा है "अब तो ऐसा ही होने दें,क्योंकि हमें इसी रीत तो से सब धार्मिकता को पूरा करना उचित है" यदि बपतिस्मा यीशु को लेने की आवश्यकता थी तो निश्चय ही मुझे भी बपतिस्मा लेने की आवश्यकता।
✓इसका अर्थ मृत्यु द्वारा पाप से अलगाव है-
(कुलिस्सयों 3:3) में लिखा है "क्योंकि तुम तो मर गए, थे और तुम्हारा जीवन मसीह के साथ परमेश्वर में छिपा हुआ है गलातियों 6:14 में भी देखिए।
✓इसका अर्थ मसीह के साथ समानता है-
जैसा कि (रोमियो 6:5) में लिखा है "हम उसकी मृत्यु की समानता में उसके साथ जुट गए हैं"
✓उसके गाङे जाने की समानता में-
जैसा कि (रोमियो 6:4) में लिखा है "उस मृत्यु का बपतिस्मा पाने से हम उसके साथ गाडे गए हैं!"
✓उसके पुनरुत्थान की समानता में-
जैसा कि (रोमियो 6) में लिखा है "जैसे मसीह पिता की महिमा के द्वारा मरे हुए मै से जिलाया गया, वैसे ही हम भी नए जीवन की चाल चले!"
-:बपतिस्मा कौन पा सकता है:-
यूहन्ना ने केवल उन लोगों को बपतिस्मा दिया जिन्होंने कुछ मानदंड पूरे किए-
1.जिन्होंने शुभ समाचार को सुना और उस पर विश्वास किया जैसा कि (मरकुस 16:16 में लिखा है
2. जिनकी आंखें खुली हुई है (प्रेरितों के काम 9:18)
3. जिन लोगों ने पश्चाताप किया (प्रेरितों के काम 2:8 "मन फिरओ और तुम में से हर एक अपने अपने पापों की क्षमा के लिए यीशु मसीह के नाम से बपतिस्मा ले!" पश्चाताप दोहरा होता है, पाप से मुंह मोड़ लेना और परमेश्वर की सेवा के लिए उसकी ओर फिरना।
4.जो लोग मन फिराव के योग्य फल लाये (लूका 3:8 तथा मत्ती 3:8
5.वह जिन्होंने पवित्र आत्मा पाया है,( प्रेरितों के काम10:47) के अनुसार "क्या कोई जल की रोक कर सकता है कि ये बपतिस्मा ना पाए जिन्होंने हमारे जैसी पवित्र आत्मा को पाया है।"
6.वे लोग ले सकते हैं जिनको परमेश्वर के वचन की शिक्षा दी गई है जैसा कि (मत्ती 28:19-20 में पाया जाता है "तुम जाकर सब जातियों के लोगों को बपतिस्मा दो और सब बातें जो मैंने तुम्हें आज्ञा दी है मानना सिखाओ।"इसमें नए नियम की शिक्षा भी सम्मिलित है।
7.वह लोग जो मर गए गाड़े गए और पुनरुत्थान की भूमिका पर जीवित आशा करते हैं जैसा कि (रोमियो 6:1-13)पर आधारित है और प्रत्येक विश्वासी को इसे अच्छी तरह समझ लेना चाहिए।
बपतिस्मा किस प्रकार दिया जाना चाहिए?
प्रश्न:-बपतिस्मा किसके नाम से दिया जाना चाहिए?
उत्तर:-बपतिस्मा पिता , पुत्र ,पवित्र आत्मा के नाम से दिया जाना चाहिए जैसा कि (मत्ती 28:19) में यह महान कार्य करने का अधिकार पाया जाता है।
प्रश्न:-बपतिस्मा में कौन सा पदार्थ का प्रयोग किया जाता है?
उत्तर:-बपतिस्मा में केवल जल प्रयोग किया जाता है जैसा कि (प्रेरित के काम 8:36 में लिखा है "देख यहां जल है (यूहन्ना 3:25) "और यूहन्ना भी ऍनोन में बपतिस्मा देता था क्योंकि वहां जल बहुत था।"
प्रश्न:-बपतिस्मा किसके द्वारा संपन्न किया जाना चाहिए?
उत्तर:-बपतिस्मा कलीसिया के एक या एक से अधिक लोगों के द्वारा दिया जाना चाहिए जैसा की यूहन्ना बपतिस्मा देने वाला पौलुश, पतरस, और शीलास हन्याह आदि के साथ बपतिस्मा दिया करता था।
प्रश्न:-बपतिस्मा कहां संपन्न किया जाना चाहिए साधारणतः किसी नदी में (मत्ती3:13-17 तथा यूहन्ना 3:22-23) भी पाया जाता है।
प्रश्न:-बपतिस्मा किस प्रकार देना चाहिए?
उत्तर:-बपतिस्मा ऊंडेलने के द्वारा यह पूराने नियम के अभिषेक का ही अनुसरण है जैसा कि (1शामुएल 10:1) में लिखा है
बपतिस्मा छिड़काव द्वारा यह पुराने नियम के खतने का अनुसरण है, जो प्रचारक छोटे-छोटे बच्चों का बपतिस्मा छिड़काव द्वारा संपन्न करते हैं। उनका मानना है कि वे उन बालकों के उद्धार के लिए बपतिस्मा देते परंतु वह बालक के उद्धार के लिए बपतिस्मा नहीं दे रहे हैं विश्वासी माता पिता के बच्चे अपने अंतरात्मा के विरुद्ध जानबूझकर पाप करने से पहले उद्धार की स्थिति में होते हैं जैसा कि (1कुरि० 7:14 )में लिखा तथा मत्ती 18:10 में भी पाया जाता है।
*बपतिस्मा खतने का स्थान ले लेता है ऐसा बपतिस्मा अविश्वास माता पिता के बच्चे को नहीं देना चाहिए।
बपतिस्मा का सही अर्थ डुबकी लगाना है इतिहास के अनुसार नए नियम में डुबकी का ही बपतिस्मा सही माना जाता है।(मत्ती3:16) मैं लिखा है मुक्तिदाता येशु ख्रिस्त बपतिस्मा ले कर तुरंत पानी से ऊपर आया।
(रोमियो 6:1-13 के अनुसार डुबकी का बपतिस्मा निश्चय या छिड़काव के बपतिस्मा की अपेक्षा मृत्यु, गाड़े जाने और फिर जी उठने का अधिक पूर्ण चित्र है।
छिड़काव और ऊंडेलना शुद्धीकरण और समर्पण का उदाहरण हो सकता है। विश्वासी को पानी में डुबकी देने से वह अपने पुराने जीवन को खत्म करके गाड़ा गया और फिर भी उठा और अब येशु के साथ रहता है।
(कुलिस्सयों2:12 में लिखा है "उसी के साथ बपतिस्मा में गाड़े गए और उसके साथ जी भी उठे।" इस में महत्वपूर्ण बात यह विधि नहीं है परंतु आंतरिक अर्थ महत्वपूर्ण है!
प्रश्न:-बपतिस्मा कब दिया जाना चाहिए?
उत्तर:-तब नहीं जब कि मैं अपने पापों की क्षमा चाहता हूं तब भी नहीं जब कि मैंने यीशु का चेला बनने का निर्णय कर लिया पर इसके लिए नहीं।
बपतिस्मा लोगों को उस समय देना चाहिए जब वह लोग परिपक्व और पूर्ण रूप से समझ कर बपतिस्मा क्या है तब देना चाहिए।
कुछ लोग अपने बच्चों की बपतिस्मा देने के बजाय उन को समर्पित करना उचित मानते हैं यदि कोई बच्चा बिना बपतिस्मा लिए मर जाता है तो क्या वह उद्धार से वंचित हो जाता है बिल्कुल नहीं, बपतिस्मा ना तो बालक का उद्धार करता है और ना ही उसे दंड के योग्य बनाता है। उद्धार मसीह के द्वारा मिलता है बपतिस्मा के द्वारा नहीं जैसा कि (प्रेरितों० 4:12) में लिखा है
(2 शमुएल 12:15-23 में दाऊद का छोटा पुत्र खतना रहित अवस्था में और बिना बपतिस्मा लिए मर गया तो भी दाऊद कहता है, मैं तो उसके पास जाऊंगा जहां वह बालक से मिलने की उम्मीद रखता था।
सारांश:-
बपतिस्मा में परमेश्वर और धार्मिकता के साथ शैतान और पाप के विरुद्ध सार्वजनिक रूप से मैं खड़ा होता हूं,
बपतिस्मा अंधकार की शक्तियों के विरुद्ध एक चुनौती है बपतिस्मा लेने का अर्थ है,कि मैं अपने प्रभु यीशु मसीह के लिए जीवन व्यतीत कर रहा हूं बपतिस्मा। का एक कार्य भी है जो कि परमेश्वर के अनुग्रह को विजय प्राप्त के लिए शक्ति प्रदान करने के लिए पुकारता है।
*बपतिस्मा एक आज्ञा है यह ऐचिछक नहीं यह मेरे लिए अनिवार्य है,मुझे इस आज्ञा का पालन करके इसके अधीन हो जाना चाहिए।
यह धार्मिकता व व्यवस्था को पूरा करने के लिए यीशु मसीह को बपतिस्मा लेने की आवश्यकता थी तो निश्चय ही मुझे भी बपतिस्मा लेने की आवश्यकता है।
Mere hisab se ya baten Har Ek Ko samajhni chahiye mujhe ya bahut accha laga
ReplyDeleteThanks brother
Deletelike this blog
ReplyDeletePraise the lord
ReplyDeleteHallelujah jai mashi ki
ReplyDeleteGOD BLESS YOU BROTHER
ReplyDeleteAgar esa karne se sb paak ho jate to har ek esa kar leta aj logon ne religion ko bhi ek business bana liya hai hmesha sahi chij ko jano jisi bhi andh vishwash me n pden ishu ne yeh nhi bola jo aj khoob chl raha hai unhone bola hmesha ek khuda ko he mano me to bs messaenger hun prophet hun or log kya-2 smjh lete hen kaha hai logon ka iq label
ReplyDeleteMere bhai aap ko vachan ke bare me malum na Hone ke karan aisa bol rahe ho, acts=4:12. Me likha hia ki dharti aur sawarg ke niche ek hi naam hia jisse tum bach sakte ho aur vo naam prabhu yeshu masih k apaviter aur samarthi naam hai.aap bhi es naam par vishwas rakhe .jo vishvash kare vo bachaya jaega.magar jo vishvash nahi karta ki prabhu yeshu masih hi uddhar karta shrishti karta ek matar parmeshar hia us par sajja ka hukam hoga.to piyare vachan seekh.prabhu aapko ashish de aur prabhu samjne ke liye samaj de.
DeletePraise the Lord 🤲🤲🤲🤲🤲🤲🤲✝️✝️✝️✝️✝️✝️✝️
ReplyDeletePRAISE THE LORD
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